अगर न्याय न मिले तो मेरी लाश गटर में बहा देना: अतुल सुभाष की आखिरी इच्छा

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक एआई इंजीनियर अतुल सुभाष ने आत्महत्या कर ली, जिसके बाद से इस मामले ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। उनकी आत्महत्या के पीछे की वजहें बेहद गंभीर और चौंकाने वाली हैं। सुभाष ने अपने पीछे 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी और उसके परिवार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं।

अतुल ने वीडियो में बताया कि उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास, साला और जज रीता कौशिक ने मिलकर उनके खिलाफ नौ फर्जी मामलों को खड़ा किया। उन्होंने बताया कि इन मामलों में उन्हें लगातार कोर्ट के चक्कर काटने पड़े, जिसके कारण मानसिक तनाव बढ़ता गया। सुभाष ने लिखा, “मेरी मौत के जिम्मेदार पांच लोग हैं।”

सुभाष के अनुसार, उनके खिलाफ लगाए गए आरोप न केवल झूठे थे, बल्कि शादी के बाद उन्हें मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित करने के लिए साजिशों का हिस्सा थे। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में कहा कि उन्होंने कोर्ट से 120 तारीखें ली, जिसमें से अधिकांश बार कुछ भी नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता और भाई भी इस व्यवस्था के शिकार हुए हैं।

सुभाष ने जज पर भी गंभीर आरोप लगाए, जिसमें रिश्वत मांगने का आरोप शामिल है। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने अपनी परेशानियों का जिक्र करते हुए आत्महत्या की बात की, तो जज को हंसी आई। सुभाष ने यह भी आरोप लगाया कि जज ने उनसे रिश्वत की मांग की, जिसका करना उनके लिए मजबूरी बन गया।

सुपरिचित आंकड़ों के अनुसार, भारत के न्यायपालिका में लाखों केस लंबित हैं, जिनमें सुभाष का मामला भी अलग नहीं है। इस मामले में पुलिस ने उनकी पत्नी और उसके परिवार के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है।

सुभाष ने अपने वीडियो में अपने खुदकुशी के पीछे की वजहों को स्पष्ट किया और न्यायपालिका के प्रति अपनी आशा व्यक्त की कि उनके मामलों की सुनवाई लाइव होनी चाहिए ताकि देश की जनता यह देख सके कि कानून की व्यवस्था कितनी बुरी स्थिति में है। उन्होंने कहा, “अगर मुझे न्याय नहीं मिला, तो मेरी अस्थियों को कोर्ट के बाहर बहा दिया जाए, ताकि यह साबित हो सके कि इस देश में किसी के जीवन की क्या कीमत है।”

इस मामले ने सुरक्षा, न्याय और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर एक नई बहस को जन्म दिया है। यह दिखाता है कि जब व्यक्तिगत और कानूनी मुद्दे एक साथ मिलते हैं, तो परिणाम कितने भयानक हो सकते हैं। अब देखना यह है कि क्या इस मामले से संबंधित लोग न्याय प्राप्त करेंगे, या यह सिर्फ एक और दुःखद कहानी बनकर रह जाएगी।

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